वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
१७ अगस्त, २०१६
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
चाहना कैसे छोड़े?
जो हम चाहते हैं वो पूरा क्यों नहीं हो पाता हैं?
अपनी इच्छा कैसे पूरा करें?
जितना चाहो गे उतना काम मिलेगा?
जो तुम्हें चाहिए वो तुम्हें चाहने के ही कारण नहीं मिलता?